“भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर (Manipur) दो महीनों से हिंसा का माहौल है। 3 मई 2023 से वहाँ की मैतेई लोगों और कुकी जनजाति के लोगों के बीच एक नृजातीय झगड़ा छिड़ गया। यह विवाद भारतीय संविधान के तहत अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए मैतेई लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग से जुड़ा है, जो उन्हे आदिवासी समुदायों के बराबर विशेषाधिकार प्रदान करेगा। हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और 300 से अधिक घायल हो गए है।”
कहाँ स्थित है मणिपुर (where is manipur located)-
मणिपुर भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण राज्य है। मणिपुर की राजधानी इंफाल है। मणिपुर के उत्तर में नागालैड़, दक्षिण में मिजोरम, पश्चिम में असम, और पूर्व में सीमा म्यांमार से सटी हुई है। मणिपुर कुल 22,347 किमी क्षेत्रफल में फैला है। मणिपुर के मूलनिवासी मैतेई जनजाति से आते है, जो यहाँ की घाटियों मे बसे है। इनकी भाषा मैतीय है, इस भाषा को मणिपुरी भाषा भी कहा जाता है। ये यहां की आबादी का 53% हिस्सा है। यहाँ के पहाड़ी क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति को लोग रहते है। जो यहाँ आबादी का करीब 40% के करीब है।
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प्राचीन इतिहास-
मणिपुर के 16 जिलों की जमीन इंफाल घाटी और पहाड़ी जिलों के रुप में बंटी हुई है। मणिपुर की धरती पर विविध जातियों और संस्कृतियों का मिश्रण है, जैसे मैतेई, कुकी, नागा, तिब्बती, खासी और असमिया आदि। मैतेई यहां के मूलनिवासी है। इंफाल घाटी में मैतेई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, जबकि पहाड़ी जिलों में नगा और कुकी जनजातियों का वर्चस्व है। नगा और कुकी जातियों ज्यादातर ईसाई समुदाय से हैं।
- महाभारत काल में- अर्जुन की द्रौपदी के अलावा सुभद्रा, उलूपी और चित्रांगदा नाम की तीन और पत्नियां थीं। महाभारत आदिपर्व के अनुसार वनवास के समय अर्जुन जब मणिपुर में थे तो वे मणिपुर नरेश चित्रवाहन की पुत्री चित्रांगदा को देख उनकी सुंदरता पर मोहित होकर उन्होंने उनसे विवाह कर लिया। उनका एक पुत्र हुआ जिसका नाम ‘बभ्रुवाहन’ था। उस समय मणिपुर को नागलोक भी कहते थे। पाड्व पुत्र भीम की पत्नी हिडिम्बा असम के जनजाति समुदाय से थी।
- प्राचीन काल में- इतिहासकारों के अनुसार प्राचीनकाल में मणिपुर को कलैपाक या कांगलेइपाक नाम से जाना जाता था। पौराणिक तथ्य के अनुसार यह बिष्णुपुर था। बीच में मैत्रबक, कंलैपुं, कथै, मोगली, मिक्ली और पोथोंकल्म नाम से भी जाना जाने लगा था। प्रारंभ में जब यह काब्रा नदी के बास बसने लगा तो इसे मानस के नाम से भी जाना जाने लगा था।
- आधुनिक मणिपुर राज्य की स्थापना का श्रेय चक्रवर्ती सम्राट बोधचन्द्र सिंह नामक राजा को जाता हैं। मणिपुर में प्राचीन कंगला फोर्ट स्थित हैं जो कई राजा-महाराजाओं का निवास स्थान रहा है।
- मणिपुर का लिखित इतिहास सन 33 ई. में राजा पाखंगबा से शुरु हुआ है। 1819 से 1825 तक यहां बर्मी लोगों ने शासन किया। 24 अप्रैल, 1891 के खोंगजोम युद्ध के बाद मणिपुर ब्रिटिश शासन के कब्जे में आ गया। 1947 में जब अंग्रेजों ने मणिपुर छोड़ा तब मणिपुर का शासन महाराज बोधचन्द्र संभाल रहे थे। 21 सितंबर 1949 को इसका विलय भारत के साथ हो गया। और 15 अक्टूबर 1949 से मणिपुर भारत का अंग बन गया। मणिपुर का प्राचीन इतिहास मैतेई समुदाय और इसके राजवंशों से जुड़ा हुई है। 1500 ईसा पूर्व से ही यह समुदाय यहां रहता आया है।
परिचय (Introduction)-
भारत की स्वतंत्रता से पूर्व यह एक रियासत थी। 15 अक्टूबर 1949 को ये भारत मे शामिल हुआ। आजादी के बाद यह पहले केन्दशासित राज्य बना। बाद मे इसे 21 जनवरी 1972 को भारत के 23 राज्य का दर्जा दे दिया गया। इसमे इस समय 16 जिलें शामिल है। यहा की राजधानी इम्फाल है। यह सम्पूर्ण भाग पहाड़ी है। यहाँ नागा व कुकी जाति की लगभग 60 जनजातियाँ निवास करती है।
पहाड़ी ढालों पर चाय तथा घाटियों में धान की खेती होती है। इस राज्य में प्राकृतिक संसाधनों का भंड़ार है। लोकटक झील यहाँ की महत्वपूर्ण झील है। इसको दो श्रेणियों मे बाँटा जा सकता है- पहाड़ी क्षेत्र और घाटी क्षेत्र।
मणिपुर की जनजातियाँ (Tribes of Manipur -)-
यहाँ तीन प्रमुख जनजातियाँ निवास करती है। घाटी में मैतेई जनजाति और विष्णुप्रिया मणिपुरी रहती है तो नागा और कुकी-चिन जनजातियाँ पहाड़ियों पर रहती है। प्रत्येक जनजाति वर्ग की खास संस्कृति और रीति रिवाज है जो इनके नृत्य, संगीत व पारंपरिक प्रथाओं से दृष्टिगोचर होता है।
पर्यटन (sightseeing)-
मणिपुर को “भारत का आभूषण” व “पूरब का स्विट्जरलैंड” भी कहा जाता है। मणिपुर देश के सूदूर उत्तरपूर्वी छोर पर स्थित है। और, इसका अधिकांश भाग पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
यहाँ के दर्शनीय क्षेत्रों में इंफाल, उखुल प्रसिद् है। इंफाल कांग्ला पार्क, गोविंद मन्दिर वहाँ को बाजार, टीकेनद्रजित पार्क प्रसिद् है। लोकटक झील भी यहाँ चुड़ाचाँदपुर मे स्थित है।
मणिपुर में प्रवेश करने वाले विदेशियों को, चाहे वे यहां जन्मे हों, पर्मिट लेना आवश्यक है। यह पर्मिट मात्र दस दिन के लिए वैंध रहता है।
मणिपुर विशेषताओं से भरा है। यहां की रासलीला और शास्त्रीय नृत्य भारत के सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखते है। मणिपुर की लोकटक झील और खोंगमपत ऑर्किडेरियम अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
मणिपुरी नृत्य भारत का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है। इसका नाम इसकी उत्पत्तिस्थल (मणिपुर) के नाम पड़ा है। यह नृत्य मुख्यतः हिंदू वैष्णव प्रसंगों पर आधारित होता है जिसमें राधा और कृष्ण के प्रेम प्रसंग प्रमुख है।
मणिपुर राज्य के उघोग-
मणिपुर में कुटीर उघोग मुख्य रुप से बांस और बेंत के उत्पाद, हाथी दांत की नक्काशी और लकड़ी की नक्काशी जैसे हस्तशिल्प के उत्पादन में शमिल है। मणिपुर राज्य में हथकरघा कई प्रकार के वस्त्रों का उत्पादन करता है, इसके प्रकार है- मुगा रेशम, एरी रेशम और कपास।
मणिपुर का भोजन-
मणिपुरी थाली अपने समृद्ध और स्वादिष्ट पदार्थो के लिए जानी जाती है। इस थाली मुख्य रुप से चावल, सब्जी, मांस (चिकन, मटन या मछली) और दही परोसी जाती है। वहां रहने वाले लोगों के अलावा घूमने जाने वाले पर्यटकों के लिए यह बढ़िया भोजन का ऑप्शन हो सकता है।
मणिपुर और उसका जातिगत सघंर्ष (Manipur and its caste struggle) –
मणिपुर कई बार हिंसा की लपटों में जला है। जबकि सरकारें यह दावा करती रही हैं कि मंणिपुर अब शांत क्षेत्र में बदल गया है। मणिपुर में हिंसा का लंबा इतिहास रहा है।
हाल ही मे हुई हिसां का कारण 27 मार्च 2023 को मणिपुर हाईकोर्ट दारा दिया फैसला है जिसमें अदालत ने मणिपुर सरकार सें ये कहा कि वहाँ की मैतेई जनजाति को एसटी का दर्जा मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार को 4 महीने का वक्त दिया गया और कहा गया कि इसकी सिफारिश केन्द्र को भेज दे। इस फैसलें के बाद वहाँ की पहाड़ी जनजाति कुकी व नागा जनजाति भड़क उठी।
उनके मुताबिक मैतेई जनजाति राजनीतिक और सास्कृतिक रुप से राज्य मे बहुमत में है। उन्हे पिछडे वर्ग और ईड़ब्लूएस आरक्षण भी प्राप्त है। तो उन्हे इस प्रकार के आरक्षण की जरुरत नही है। इससे उनकी स्वात्तयता खतरे में आ जाएगी। और उनके हिंतो पर बुरा असर पड़ेगा।
मैतेई समुदाय व उनकी मांग (Meitei community and their demand)–
मणिपुर की कुल आबादी मे मैतेई समुदाय की आबादी 60% फीसदी के करीब है, मैतेई समुदाय के ज्यादातर लोग इंफाल घाटी मे बसते है, मैतेई समुदाय मे बहुसख्यक आबादी हिन्दओं की है। मैतेई समुदाय का राज्य मे राजनीतिक प्रभाव भी है, राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीटों पर इनका सीधा प्रभाव है। राज्य की 39 विधानसभा सीटें इंफाल घाटी में आती है, जहाँ इनकी आबादी बहुमत मे है। इसलिए राज्य की सत्ता की चाभी इसी समुदाय के हाथ मे मानी जाती है।
इस समुदाय की बड़ी आबादी हिंदु गौडीय वैष्णव संप्रदाय को मानती है। वहीं 16% फीसदी मैतेई सानामाही धर्म को मानते है। ये लोग आदिवासी परंपराओं का भी पालन करते है। इनका दावा है कि म्यांमार और बांग्लादेंश मे बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासन के कारण इन पर असर पड़ रहा है।
मैतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने की मांग काफी समय से चल रही है। उनका दावा है कि वह मणिपुर के मूल निवासी है और उन्हे भई राज्य में आदिवासी का दर्जा दिया जाना चाहिए। राज्य के कई बड़े नेता इनकी मांग का समर्थन कर चुके है।
हिंसा की शुरुआत (start of violence)-
मणिपुर में हिंसक घटनाएँ तब शुरु हुई, जब मणिपुर में आदिवासी एकता मंच रैली निकालकर मैतेई समुदाय की मांगों का विरोध कर रहा था। ये रैली छात्र संगठन ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने आयोजित की थी। इस रैली के दौरान चुराचांदपुर मे हिंसा भड़क गयी, तोरबंग मे आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच झड़पे शुरु हो गयी। हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने आंसु गैस के गोले छोड़े, हालात काबु करने के लिए मणिपुर के 8 जिलों मे कर्फ्यू लगा दिया गया। हिंसक झड़पों के बाद सेना की भी तैनाती कर दी गई साथ में असम राइफल्स को भी तैनात किया गया।
धार्मिक दृष्टिकोण (religious outlook)-
इसका एक धार्मिक दृष्टिकोण भी हो सकता है, जहाँ मैतेई समुदाय की आबादी हिंदु बहुसंख्यक है वही कुकी व नागा मे अधिक आबादी ईसाई समुदाय की है।
ब्रिटिश रुल मे आने से पहले सन् 1891 मणिपुर में ज्यादातर आबादी हिंदुओं की थी। इसके बाद 1894 मे कई ईसाई मिशनरीज वहाँ एक्टिव हो गई जिसके बाद वहाँ की जनजाति आबादी में तेजी से धर्म परिवर्तन हुआ। 1901 जनगणना मे जहाँ 8% ईसाई व 60% हिंदु थे, वही 1991 मे वहाँ ईसाई आबादी बढ़कर 34% हो गई। पर यह एक सिर्फ एक दृष्टिकोण मात्र नजर आता है इसका इस हिंसा मे कोई कारण नजर नही आता।
अतिक्रमण (Encroachment)–
इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि मणिपुर सरकार अंवैध कब्जाई जमीनों को वापस लेना चाहता है। इसके लिए वह मणिपुर फॉरेस्ट कानून-2021 का हवाला देते है। इस कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति अंवैध अतिक्रमण करता है तो जमीन खाली कराई जा सकती है। इससे भी वहाँ की पहाड़ी आबादी संशय मे है, उसका कहना है कि वह यहाँ सदियों से बसे है उन्होनें कोई अतिक्रमण नही किया है। पर सरकार का कहना है कि उनसे कोई जमीन नही छिनेगे बल्कि अगर कोई नया व्यक्ति अतिक्रमण करता है तो खाली करायेंगें।
निष्कर्ष (Conclusion)-
सरकार का सबसे पहला कदम मणिपुर मे शांति स्थापित करना होना चाहिए, इसके लिए सबसे पहले सरकार को सभी पक्षों को विश्वास मे लेना होगा व वहाँ की जनजातियों को यह विश्वास दिलाना होगा उनके किसी भी अधिकारों का हनन नही किया जायेगा।
अब तक 120 ज्यादा लोग इस हिंसा मे अपनी जान गंवा चुके है तीन हजार से ज्यादा लोग घायल हुये है, 50 हजार लोग अपना घर-बार छोड़कर रिलीफ कैम्प में रहने को मजबूर है। जानकारों का मानना है कि बातचीत से हिंसा को रोका जा सकता है, पर अभी तक कोई भी पक्ष बात करने को राजी नही है। अभी भी इंटरनेट पर पांबदी लगी हुई है। कई राष्ट्रीय नेताओं का दौरा भी हो चुका है। अब जल्द से जल्द ये हिंसा खत्म होनी चाहिए और राज्य में स्थितरता आनी चाहिए। और सरकार सभी जनजातियों को विश्वास मे लेकर आगें बढ़ना चाहिए।
हमारे लेख के बारे अपनी राय अवश्य दे। मणिपुर मुद्दे पर आपकी क्या राय है इसे हमे जरुर बतायें। मणिपुर मुद्दे पर सरकार क्या कर सकती है ये भी हमें बतायें।
धन्यवाद!
FAQs
Where is Manipur located in India?
Manipur is located in northeastern India, sharing its borders with Nagaland to the north, Mizoram to the south, Assam to the west, and Myanmar (Burma) to the east.
What are the major tribes residing in Manipur?
The major tribes residing in Manipur are the Nagas, Kukis, and Meiteis. These tribes have their distinct languages, cultures, and traditions.
What is the capital of Manipur?
The capital of Manipur is Imphal.
What are the popular tourist destinations in Manipur?
Some popular tourist destinations in Manipur include Loktak Lake, Kangla Fort, Shri Govindji Temple, Khonghampat Orchidarium, and Keibul Lamjao National Park.
What is the significance of Loktak Lake in Manipur?
Loktak Lake is the largest freshwater lake in Northeast India and plays a significant role in the economy and ecology of Manipur. It is known for its unique floating islands called “phumdis” and is also home to the endangered Manipur brow-antlered deer (Sangai).
What is the population percentage of the Meitei community in Manipur?
The Meitei community is the majority community in Manipur, constituting around 60-70% of the state’s population.
What is the recent conflict in Manipur related to the Scheduled Tribe status?
The recent conflict in Manipur relates to the demand for Scheduled Tribe (ST) status by the Meitei community. They seek ST status to avail benefits in education, employment, and representation, which has led to concerns and opposition from other communities.