Fascinating Tales Ancient History of Bihar(बिहार का इतिहास): Unearthing the Untold Stories of Bihar

हमारे नवीनतम ब्लॉग पोस्ट में बिहार (Bihar) के समृद्ध और रोचक इतिहास की खोज करें। बिहार की सांस्कृतिक विरासत, प्राचीन स्मारकों, और ऐतिहासिक घटनाओं को जानें जो बिहार को वर्तमान में एक जीवंत राज्य बनाते हैं।

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“एक समय ऐसा था जब बिहार देश के विकास का पहिया था। उस समय यह मंगध नाम से जाना जाता था। उस वक्त यह एक ताकतवर राज्य के रुप में स्थापित था। मंगध खुद में भी एक विशाल राज्य था। जहाँ से पहली बार अखंड़ भारत की नींव पड़ी। मगंध दुनिया के लिए ज्ञान का केन्द्र बिन्दु था। जिसने भारत को कई महान साम्राज्य दिये मौर्य, गुप्ता इत्यादि। आज वही विचार कही खो गये है। जहाँ की राजनीतिक व्यवस्था में जगह कई भेड़ियों ने ले ली है।

जो चारों तरफ से बिहार को खा रहे है। जहाँ शिक्षा एक चमकता सूरज थी वहाँ की राजनीतिक व्यवस्था से शिक्षा गायब हो चुकी है। आज वहाँ की राजनीतिक व्यवस्था में कई ऐसे लोग आ गये है जिन्हे बिहार से ज्यादा अपनी कुर्सी व्यारी है। और उसके लिए किसी भी हद तक जा सकते है आज जातिगत राजनीति बिहार की पहचान बन चुकी है। और इसका खामियाजा वहाँ की जनता भुगत रही है।“

1-बिहार की भगौलिक स्थिति-

बिहार भारत के उत्तर-पूर्वी भाग के मध्य स्थिति एक ऐतिहासिक राज्य है। और इसकी राजधानी पटना ( पूर्व में पाटलिपुत्र) है। बिहार का प्राचीन नाम मंगध है। जनसख्या की दृष्टि से बिहार भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। और क्षेत्रफल की दृष्टि से बारंहवा है। 15 नवंबर 2000 को बिहार के दक्षिण के हिस्से को अलग करके एक राज्य झारखण्ड़ बना दिया गया। बिहार के उत्तर मे नेपाल, दक्षिण में झारखण्ड़, पूर्व में पश्चिम बंगाल और पश्चिम में उत्तर प्रदेश है। यह क्षेत्र गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। गंगा इसके पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। बिहार पूर्व मे भारत के महान राज्यों में से एक है।

इसका जनसख्या का अधिकांश भाग ग्रामीण है। तथा यहां की शहरी आबादी करीब 12% के करीब है। बिहार भारत का सबसे युवा प्रदेश है।जिसमें 58% लोग 25 वर्ष से कम आयु के है। वर्तमान बिहार विभिन्न ऐतिहासिक क्षेत्रों से मिलकर बना है। बिहार के क्षेत्र जैसे- मंगध, मिथिला, अंग धार्मिक ग्रन्थों और प्राचीन भारत के महाकाव्यों मे वर्णित है।

2-प्राचीन बिहार-

प्राचीन बिहार बहुत समृद्ध और शक्तिशाली था। इसका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। एक अंखड़ भारत तक फैला साम्राज्य भी पहली बार बिहार से ही निकला था। इस राज्य ने कई महान विभूतियों को जन्मा है। प्राचीन इतिहास में बिहार तीन प्रमुख महाजनपदों अंग, मंगध, वज्जी संघ के रुप मे बंटा हुआ था। मंगध और लिच्छवी के शासनकाल की कार्यपदति से आधुनिक प्रशासनिक व्यवस्था की शुरूआत हुई। ये राज्य भारत के पवित्र गंगा घाटी में उत्तरोत्तर क्षेत्र मे स्थित था। जिसका इतिहास अत्यंत गौरवमंयी और वैभंवशाली था। जहाँ ज्ञान, धर्म, अध्यात्म, और सभ्यता, सस्कृति कि ऐसी किरण प्रस्फुल्लित हुई जिससे न केवल भारत बल्कि सम्पूर्ण विश्व अलोकिक हुआ।

बौद्ध धर्म के लोगों के विहार करने के कारण इस राज्य का नाम बिहार पड़ा। जब दुनिया के लोग पढ़ना नही जानते थे, जब दुनिया मे ये संवाद था कि पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है या सूर्य पृथ्वी के उस समय हमारे यहाँ नालंदा विहार मे एस्ट्रोनॉमी पढ़ाई जा रही थी। नांलदा विहार मे चीन, जापान व अन्य कई देशों के लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। इस पावन भूमि पर महान अशोक, अजातशुत्र, चन्द्रगुप्त मौर्य, बिम्बसार, समुद्रगुप्त, महाराज विक्रमादित्य जैसे महान राजाओं का जन्म हुआ। सिक्खों के दंसवें गुरु गोविन्द सिह जी का जन्म भी पटना में हुआ।

मगध 1000 वर्षो के लिए भारत मे ज्ञान,शक्ति,और सस्कृति का केन्द्र बना। हरयंक वंश ने राजगृह(वर्तमान राजगीर) के शहर से मगध पर शासन आरंभ किया। इस वंश के राजा अजातशुत्र ने पटिलपुत्र की स्थापना की। जो बाद में मंगध की राजधानी बन गयी। इस वंश के शासन के बाद शिशुनाग वंश और नंद वंश ने क्रमशं इस पर शासन किया। नंद वंश ने इसे बंगाल सें पंजाब तक फैला दिया था। और उस समय यह भारत का सबसे बड़ा साम्राज्य था।

भारत का पहला एकीकृत साम्राज्य यही से स्थापित हुआ। नंद वंश को हटा करके यहाँ मौर्य साम्राज्य की नींव ड़ाली गयी। चन्द्रगुप्त मौर्य इस वंश का पहला राजा बना। मौर्य साम्राज्य आजतक की भारत की सबसे बड़ी साम्राज्य थी। इस वंश का सबसे महान राजा अशोक हुआ जिसने भारत की सीमाओं को ईरान से लेकर बर्मा तथा श्रीलंका तक फैला दिया था। इस साम्राज्य की स्थापना मे महत्वपूर्ण योगदान आचार्य चाणक्य का भी था जिन्हे दुनिया कौटिल्य के नाम से जानती है। जो चन्द्रगुप्त के गुरु और उनके प्रधानमंत्री भी थे। जिन्होने ने अर्थशास्त्र की रचना भी की। इसके बाद कई और राजवंशो का इस पर शासन रहा।

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इसके बाद 240 ए में मगध मे गुप्त साम्राज्य की स्थापना हुई। जिसे भारत के इतिहास का स्वर्णिम युग कहा जाता है क्योकि इस साम्राज्य के समय विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, वाणिज्य, धर्म और भारतीय दर्शन अपने चरमोत्कर्ष पर था। इस साम्राज्य के महान राजा समुद्रगुप्त और उनके बेटे महाराज विक्रमादित्य हुये।

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3-मध्यकाल-

मध्यकाल मे विदेशी आक्रातां बख्तियार खिलजी ने भारत के अमूल्य धरोहर और भारत के ज्ञान के केन्द्रों को ध्वस्त कर दिया गया। बिहार के नालंदा और विक्रमशिला विश्वविघालयों को नष्ट कर दिया गया और उनमें रखें कई किताबों को जला दिया गया। जिससे हमारे इतिहास का एक हिस्सा जल कर खाक हो गया। 12वी शताब्दी के दौरान कई मुस्लिम आक्राताओं ने बौद्ध भिक्षओं को मौत के घाट के उतार दिया।

4-आधुनिक काल-

अग्रेजी शासन के समय बिहार बंगाल प्रेसीडेसीं का भाग था। 1905 मे बंगाल विभाजन के समय बिहार अस्तित्व मे आया। 1936 में उड़ीसा को इससे अलग कर दिया गया। भारत छोड़ो आन्दोलन मे भी इसकी अहम भमिका रही।

आधुनिक बिहार की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई। इसके अर्तगंत 38 जिले आते है। बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह तथा उपमुख्यमंत्री अनुग्रह नारायण सिह बनें।

5-जातिगत राजनीति-

बिहार की राजनीति में जाति हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रही है। और जातिव्यवस्था ने बिहार का सिर्फ बेड़ागर्क ही किया है। इस व्यवस्था का फायदा राजनेताओं को तो हुआ है पर वहाँ की जनता को नही। इस कारण कई गंवार राजनेता भी बिहार की राजनीति में एक्टिव है। उन्हे सिर्फ अपने जातिगत राजनीति और वंशवाद की राजनीति का फायदा मिल रहा है। उनके पास न तो बिहार को लेकर कोई विंजन है न ही कोई खास रोडमैंप। जो बिहार अपनी शिक्षाव्यवस्था के लिए दुनियाभर मे विख्यात था आज वहाँ की शिक्षा मे खुद झोंल हो चुका है।

अशिक्षा, क्राइम, जातिगत राजनीति बिहार की पहचान बन चुकी है। कोई भी बाहरी निवेश बिहार में नही आता। जिस बिहार से देश मे सबसे ज्यादा आईएएस,आईपीएस निकलते है वहाँ की राजनीति उन लोगों ने संभाल रखी है, जिन्हे बिहार के बारे मे कुछ पता ही नही है।

जातिगत जनगणना-

अभी हाल ही में बिहार में जातिगत जनगणना हुई है। जिसकी रिपोर्ट जारी कर दी गई है। इस गणना के मुताबिक बिहार में हिन्दुओं की सर्वाधिक आबादी है। इसमें अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01 फीसदी, पिछड़े वर्ग की आबादी 27.12 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.6 प्रतिशत और मुसहर की आबादी 3 फीसदी बताई गई है। इस रिपोर्ट का सियासी गलियारे के साथ बिहार की आम जनता के बीच बहुत चर्चा है।

आगामी लोकसभा चुनाव में यह बिहार की नीतीश सरकार को कितना फायदा पहुंचायेंगें यह आने वाला वक्त ही बतायेंगा। इसे 2024 चुनाव से पहले नीतीश सरकार का सबसे बड़ा दांव माना जा रहा है। बिहार सरकार की जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के अनुसार राज्य की कुल आबादी तेरह करोड़ से अधिक है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा आबादी अति पिछड़े वर्ग की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सवर्ण एक तरह से काफी कम आबादी में सिमट गए है। आबादी के हिसाब से अत्यंत पिछड़ा पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसदी है। जिसकी संख्या 4,70,80,514 है। वही पिछड़ा वर्ग 27.12 फीसदी है जिनकी तादाद 3,54,63,936 है। जबकि अनुसूचित जाति की आबादी 2,56,89,820 है। वहीं अनुसूचित जनजाति की आबादी 21,99,361 है जो कि कुल आबादी का 1.68 फीसदी है। अनारक्षित यानी जनरल कैटगरी की आबादी 2 करोड़ 02 लाख 91 हजार 679 है, ये बिहार की कुल आबादी का 15.52 फीसदी है।

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इस जातिगत सर्वे से बिहार में आबादी का धार्मिक आधार भी पता चलता है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सर्वाधिक संख्या हिन्दुओं की है। हिंदू आबादी बिहार में 81.9 प्रतिशत  है। मुसलमानों की आबादी बिहार में दूसरी सबसे ज्यादा है। इनका प्रतिशत 17.7 है। इसक अलावा राज्य में ईसाई समुदाय का प्रतिशत 0.05, बौद्ध का प्रतिशत 0.08, जैन का प्रतिशत 0.009 है।

बिहार सरकार ने बिहार विधानमंडल ने 18 फरवरी, 2019 को राज्य में जातिगत आधार पर जनगणना कराने का निर्णय लिया। इसके बाद 2 जून, 2002 को बिहार मंत्री परिषद ने जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला किया। ये जातिगत जनगणना दो चरणों में आयोजित होनी थी, पहला चरण मकान के जरिये होना था। इस जातिगत प्रक्रिया में 7 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 तिथि तक सभी मकानों का नंबरीकरण पूरा किया गया और लिस्ट तैयार की गयी, इसके दूसरे दौर की जनगणना का काम 15 अप्रैल 2023 से शुरु किया गया।

इसमें जिला स्तर के पदाधिकारियों को अलग-2 जिम्मेदारियां दी गई और ये जल्दी से यह कार्य सम्पन्न कराया गया। 5 अगस्त 2023 को सारे आंकड़े बनाकर मोबाइल ऐप के जरिए उसे जमा किया गया।

बिहार में कुल सर्वे किये परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है। इसमें बिहार की जनसंख्या 13,7,25,010 निकली है। जिसमें अस्थायी प्रवासियों की सख्या 53,72,022 लोग है।

भारत में जाति आधारित जनगणना-

भारत में भी जाति आधारित जनगणना वर्ष 1931 तक होती थी। वर्ष 1941 में भी भारत में जाति आधारित डेटा जुटाया गया था मगर वह प्रकाशित नहीं हो सका।

वर्ष 1951 से लेकर 2011 तक की जाति आधारित जनगणना में हर बार एससी और एसटी का डेटा दिया गया, मगर ओबीसी और दूसरी जातियों का डेटा नहीं दिया गया।

वर्ष 1990 में केन्द्र की उस समय की विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार ने दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को लागू किया। इस आयोग को मंडल आयोग भी कहा जाता है। इस आयोग की सिफ़ारिशे ओबीसी के समस्त उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में सभी स्तरों पर 27 प्रतिशत आरक्षण देने की थी। इस फ़ैसले ने सम्पूर्ण उत्तर भारत की राजनीति को बदल दिया।

मंडल कमीशन के आँकड़ो के आधार पर कहा जाता है कि भारत में ओबीसी आबादी 52 प्रतिशत है, हालाँकि, मंडल कमीशन ने साल 1931 को जनगणना का आधार माना था।

आगे क्या-

आगे क्या इस सवाल का जवाब बिहार की जनता खुद से करें क्या वह इसी तरह से जातिगत राजनीति मे लिपटी रहेंगी या बदलाव के लिए प्रयास करेंगी। बिहार को पूरी तरह से राजनीतिक रिफॉर्म की जरुरत है क्या इसके लिए वहाँ की राजनीति और लोग तैयार है अगर हाँ तो बिहार बदल सकता है और देश की तरक्की मे भागीदार बन सकता है। बिहार की राजनीति से गवांरो, दलबदलूओं, जातिगत,वंशवाद की राजनीति करने वाले लोगों को हटना होगां। तभी कुछ हो सकता है। हमें हर जाति के लोगों तक विकास की यात्रा को पहुंचना है अब ये नया समीकरण जो बिहार सरकार ने पूरा किया है ये कितना सफल रहता है ये आने वाला वक्त बताएगा।

बिहार की राजनीति पर हमें अपनी राय कमेंट बाक्स में जरुर साझा करें और जातिगत आधारित जनगणना पर आपके क्या विचार है ये भी हमें बताएं।

                                  धन्यवाद

FAQs

What was the historical significance of Bihar/Magadh?

Bihar, historically known as Magadh, was a prominent and powerful state in ancient India. It served as a prestigious kingdom and laid the foundation for the unified India. Magadh was a center of knowledge and provided great empires like the Mauryas and the Guptas to the Indian subcontinent. However, the current political system in Bihar faces challenges and is criticized for its lack of focus on education.

What is the geographical location of Bihar?

Bihar is located in the northeastern part of India. It is bordered by Nepal to the north, Jharkhand to the south, West Bengal to the east, and Uttar Pradesh to the west. The region is situated in the fertile plains of the Ganges River and its tributaries.

What is the population and demographic composition of Bihar?

Bihar is the third most populous state in India in terms of population. The majority of the population resides in rural areas, accounting for approximately 88% of the total population. The urban population constitutes around 12% of the state’s population. Bihar has a youthful population, with around 58% of its inhabitants being below the age of 25.

How does Bihar feature in ancient history?

Bihar has a rich and powerful ancient history dating back thousands of years. It was divided into three major Mahajanapadas (great kingdoms) known as Anga, Magadh, and Vajji. The governance systems during the reign of Magadh and Lichchhavi dynasties set the foundation for modern administrative practices. Bihar was a land where knowledge, spirituality, and civilization flourished, attracting scholars and seekers from all over the world. Nalanda University, located in Bihar, was an esteemed center of learning, attracting students from China, Japan, and other countries.

What were the significant dynasties and rulers associated with Bihar?

Bihar gave birth to several great rulers and dynasties. Some notable rulers include Emperor Ashoka, Ajatashatru, Chandragupta Maurya, Bimbisara, Samudragupta, and Maharaja Vikramaditya. Sikh Guru Govind Singh Ji, the tenth guru of the Sikhs, was also born in Patna, the capital city of Bihar.

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