“फ्रांस(France) जो कि क्षेत्रफल के हिसाब से यूरोप का सबसे बड़ा देश है। वहां की राजधानी पेरिस जो कि फ्रांस व यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी भी है। अभी वहां कुछ दिन पहले ऐसे दंगे हुए जो शायद फ्रांस ने कभी सोचें नही होगें। ऐसे दंगे वहां की संस्कृति का हिस्सा नही है। ये दंगे वे उग्रवादी ग्रुप कर रहे है, जो वहां की सस्कृति मे घुल-मिल नही पाये, ये वो लोग है जिनकों कुछ साल पहले मानवाधिकार के नाम पर फ्रांस(France) ने शरण दी थी और वही आज वहां चरस बो रहे है।
अब वे वहां पर फसाद और लूटपाट की घटनाएं कर रहे है। ऐसे दंगों को देखकर फ्रांस(France) ही नही बल्कि पूरा यूरोंप सकतें में है, उसके बाद सें यूरोप शरणार्थियों को लेकर ज्यादा डर चुका है। यूरोप के कई देशों में दंगों के बाद उन्होनें नियमों मे बदलाव करना शुरु कर दिया है। ”
फ्रांसीसी देश और संस्कृति-(French country and culture)
फ्रांस यूरोप का सबसे बड़ा देश है। इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भाग में भी स्थित है। इसकी राजधानी पेरिस है, जो कि इसकी सांस्कृतिक राजधानी भी है। इसकी सीमाएं उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्जरलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। यह तीन ओर से सागरों से घिरा है।
फ्रांस(France) मे यूरोप में चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक लगभग 83 मिलियन हर साल यहां आते है। फ्रांस सयुंक्त राष्ट्र संघ मे वीटों पावर रखने वाला और एक परमाणु शक्ति सम्पन्न देंश है। यह यूएन के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्य है। यह समूह-7, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन(नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन(ओईसीडी), विश्व व्यापर संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है।
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फ़्रांस इतिहास-(French History)
फ्रांस(France) शब्द लातीनी भाषा के फ्रैन्किया से आया है, जिसका अर्थ फ्रांक्स की भूमि या फ्राकलैड है। फ्रांस का प्राचीन नाम गॉल था। गॉल पर पहली शताब्दी में रोमन साम्राज्य के जूलिअस सीजर ने जीत हासिल की। चौथी सदी में जर्मनिक जनजाति ने फ्रैक्स ने गॉल पर कब्जा कर लिया। आधुनिक नाम फ्रांस(France) पेरिस के कापेतियन राजाओं के नाम से आता है। फ्रैक्स जनजाति ने कैथोलिक ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया।
वर्दन संधि (843) के बाद शारलेमेग्ने का साम्राज्य तीन भांगों में विभाजित हो गया। इनमें सबसे बड़ा क्षेत्र पश्चिमी फ्रांसिया था, जो आज के फ्रांस(France) के बराबर था।
ह्राग कापेट के फ्रांस (France) के राजा बनने तक कारोलिंगियन राजवंश ने 987 तक फ्रांस पर राज किया। इस राजवंश के राजाओं ने सम्पूर्ण देश को एकीकृत किया। 17 शताब्दी में लुई चौदहवें के शासनकाल के दौरान फ्रांस सबसे अधिक शक्तिशाली था।
उस समय फ्रांस (France)की आबादी यूरोप में सबसे ज्यादा थी। फ्रांस का यूरोपीय राजनीती, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर प्रभाव था। फ्रांस ने अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में अनेक स्थानों पर विजय आधिपत्य स्थापित किया।
फ्रांस में 1789 तक राजशाही का राज था। इसके बाद वहां क्रांति शुरु हो गई। तब लुई चौदहवें और उनकी पत्नी, मेरी अनतोइनेत्ते 1793 में मार डाला गया। कई फ्रांसीसी नागरिक भी मारे गये। 1799 में सम्पूर्ण फ्रांस(France) का नियंत्रण नेपोलियन बोनापार्ट के हाथों मे आ गया। उसने खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित कर (1804-1814) दिया। उसने यूरोप को अधिकांश भाग पर विजय प्राप्त की।
1815 की वाटरलू की लड़ाई मे नेपोलियन की हार हुई। और फिर से राजशाही आ गई। बाद में लुई-नेपोलियन बोनापार्ट ने द्वितीय साम्राज्य बनाया। फ्रांस-जर्मन युद्ध में हार के बाद 1870 में उसे हटा दिया गया। उसके शासन के बाद फ्रांस(France) में तीसरे गणराज्य की स्थापना हुई। इससे पहले भी दो बार फ्रांस (France)में गणराज्य स्थापित हो चुके थे।
फ्रांस(France) ने 18 वीं और 19 वीं सदी मे बड़ा औपनिवेशिक साम्राज्य बनाया। इस साम्राज्य मे पश्चिम अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्से शमिल थे। कई उपनिवेशों में अभी भी अधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है।
नूंह हिंसा (करुणा को अपनाना: सकारात्मकता की चाह रखने वाली दुनिया में नूंह दंगों की अजेय शक्ति)
फ्रांस काऔपनिवेशिक साम्राज्य-
फ्रांस संभवतः 17वीं और 18वीं सदी में अग्रणी यूरोपीय औपनिवेशिक शक्ति बन सकता था। जब लुई 14 ने शासन किया तो उसके पास सबसे बड़ी आबादी और संपत्ति थी, सबसे अच्छी सेना थी। लेकिन फ्रांस ने यूरोपीय मामलों में अत्यधिक व्यस्तता के कारण एक अव्यवस्थित विदेश नीति अपनाई। इंग्लैड़, फ्रांस का अंततः सफल प्रतिद्वंद्वी, इस तरह की उलझनों से मुक्त था।
फ्रांसीसी साम्राज्य ने अपने इतिहास में विशाल साम्राज्य की स्थापना की और इसने विभिन्न भूभागों में अपना प्रभाव बनाया। जैसे यहां कुछ विभिन्न देशों की सूची है जिसमें फ्रांसीसी साम्राज्य ने अपना प्रभाव छोड़ा।
- यूरोप- फ्रांस ने यूरोप के कई हिस्सों में अपना साम्राज्य फैलाया। जैसे- फ्लैडर्स, नॉर्मैंडी, और अल्सेस-लोरेन।
- नॉर्थ अमेरिका- फ्रांस ने 17वीं सदी में कनाडा के कई हिस्सों को अपने नियंत्रण में रखा, लेकिन बाद में ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन आ गया।
- अफ्रीका- फ्रांस ने अफ्रीका के कई हिस्सों मे अपना साम्राज्य फैलाया, जैसे- अल्जीरिया, सेनेगल, मैड़ागास्कर आदि।
- एशिया- फ्रांस ने 19वीं सदी मे वियतनाम, कम्बोड़िया, लाओस को अपने नियंत्रण में लिया पर बाद में इसको जापान को सौंप दिया। फ्रांस ने भारत के भी कई क्षेत्रों पर शासन किया पर अततः ब्रिटिश साम्राज्य से सब हारकर सिर्फ इनका साम्राज्य भारत में पोंडीचेरीं तक सीमित रह गया था।
- पैसिफिक- फ्रांस ने पैसिफिक क्षेत्र में कुछ द्वीपों पर अपना साम्राज्य बनाया, जैसे- ताहिती, न्यू कैलेडोनिया, और फिजी।
फ्रांसीसी साम्राज्य ने विशेषकर 17वीं से 19वीं सदी तक अपनी संप्रभुता का क्षेत्र विस्तार किया और विभिन्न भूभाग पर अपनी सत्ता को बनाए रखा।
भारत में फ्रांसीसी सत्ता-
फ्रांस का साम्राज्य भारत में विभिन्न क्षेत्रों पर विस्तारित हुआ। यह अधिकतर 17वीं और 18वीं सदीं में हुआ था। फ्रांसीसी कम्पनीज ने भारत के कई क्षेंत्रों पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। जैसें- पोडींचेरी, कारिकल और मद्रास। इसके अलावा भी उनके कई छोटें बड़े क्षेत्र उनके कब्जें में थे।
जैसे- हैदराबाद, चन्दरनगर, अंम्बेर इत्यादि। बाद में ये अपना सारा साम्राज्य ब्रिटिश साम्राज्य के हाथों गवा बैठे। इनके पास सिर्फ पोडींचेरी ही रह गया। जहां इनका प्रभाव बना रहा। बाद में भारत सरकार ने इसें भी फ्रांस से आजाद करा लिया।
राजनीति और सरकार-(Politics and Government)
फ्रांस (France) दुनिया के पुरानें लोकतंत्रों में से एक है। कहते है जब कोई रिफार्म फ्रांस(France) अपनाता है, तो पूरा यूरोप उसें फॉलों करता है। फ्रांस (France) के पाँचवे गणतन्त्र के फ्रैंच संविधान द्वारा देश में अर्द्ध राष्ट्रपति प्रणाली है। फ्रांस मे 8 मई 2017 से एमनुअल मैक्रोन राष्ट्रपति है।
अर्थव्यवस्था-(Economy)
यह यूरोपीय संघ की दूसरी सबसें बड़ी अर्थव्यवस्था है। जी-7 का सदस्य है, और क्रय शक्ति समता के आधार पर दुनिया का नौंवा सबसें बड़ा देश है। फ्रांस की मुद्रा यूरो है। फ्रांस भारत की तरह ही मिश्रित अर्थव्यवस्था है। जहां सरकारी उघम के साथ निजी उघम भी शामिल है।
यहां वित्तीय सेवाओं, बैंकिग और बीमा क्षेत्र अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। फ्रांस की कंपनियों ने बीमा और बैंकिग उघोगों में अपना स्थान बनाए रखा है। यहां की कम्पनी एएक्सए दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कम्पनी है।
फ्रांस एक उच्च आय और विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एक शक्तिशाली ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र का संयोजन करता है। इसकी अर्थव्यवस्था विभिन्न क्षेत्रों में विविधता दिखाती है।
पर्यटन-(Tourism-)
फ्रांस पर्यटन के लिए भी मशहूर है। यहां कई सास्कृंतिक जगहों की भरमार है। फ्रांस पर्यटन को लेकर एक गंभीर देश है। जिसमें कई ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थल मौजूद है-
- ईफेल टावर- पेरिस का प्रतीक ईफेल टॉवर फ्रांस का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे हर साल लाखों लोग देखने आते है।
- लूवर म्यूज़ियम- यह विश्व के सबसे प्रसिद्ध कला म्यूज़ियमों में से एक है, जिसमें मॉनलीसा जैसी मह्रत्वपूर्ण चित्रकलाएँ रखी हुई है।
- वर्साइल्स- यह एक शानदार रॉयल पैलेस है जिसे फ्रांस के राजगह से बनाया गया था।
- प्रोर्वेस- फ्रांस के दक्षिणी हिस्से में स्थित प्रोर्वेस क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें लैवेंडर खेतों की सुंदरता शमिल है।
- कोट डीआज़र- यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जिसमें आल्प अनुभव, स्कीइंग, और आधुनिक व्यापारिक गतिविधियाँ शमिल है।
- पेरिस- फ्रांस की राजधानी पेरिस शहर खुद एक कला, फैशन, और गैस्ट्रोनोमी के लिए प्रसिद्ध है।
फ्रांस में अनेक ओर भी आकर्षक स्थल है। जो विश्वभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है।
मंहिलाओं पर बढ़ती हिंसा और मणिपुर घटना
फ्रांस में बढ़ता अप्रवासन-
फ्रांस मे बढ़ता अप्रवासन एक बड़ी जटिल समस्या है। पश्चिमी देशों के कई नागरिकों को फ्रांस ने शरण दे रखी है। जिस कारण से वहाँ कई तरीकें की समस्याएँ उत्पन्न हो रही है। इन लोगों ने फ्रांस के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य में प्रभाव डाला है। यह कुछ मामलों मे अवसर हो सकता है। पर कई मामलों में यह चुनौती नजर आती है। अधिकांश प्रवासी नागरिक जो फ्रांस में आते है, वे अक्सर विदेशी मूल के होते है और विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, और धार्मिक परंपराओं से सबंधित होते है, जिसका फ्रांस के समाज पर अलग प्रभाव पड़ता है।
फ्रांस में हुए दंगें-(Growing immigration in France)
हालही में फ्रांस मे हुए भीषण दंगे अवैध शराणर्थियों को बसाने के फ्रांस के फैसले को गलत साबित करता है। जो 27 जून 2023 को नाहेल मेर्ज़ूक की हत्या के बाद फ्रांस में शुरु हुए। नाँतेर में, निवासियों ने 27 जून को पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध शुरु हुआ, जो बाद में दंगों के रुप में बदल गये। प्रदर्शनकारियों ने कारों में आग लगा दी, बस स्टॉप को नष्ट कर दिया और लाइबेरी को भी जलाया गया।
इन सारे प्रदर्शनों में ज्यादातर दंगे बाहर से आने वाले उन निवासियों ने किए जो खुद को फ्रांस की सांस्कृतिक में मिला नही पायें।
हिंसा के लिए मुख्य रुप से उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया जो काले और अरब समुदायों के प्रवासी थे। इस घटना फ्रांस में नस्लीय ध्रुवीकरण की सीमा को समाने ला दिया है।
इन सारे घटनाक्रम से एक बात साफ नजर आती है, कि चाहे कोई भी इस घटनाक्रम में शमिल हो अवैध प्रवासन किसी भी देश के लिए सही नही है। चाहे वो फ्रांस हो या भारत हो। हम भारत में भी आजकल कुछ राज्यों जैसे मणिपुर में हुए दंगों को देख सकते है, जहां के दंगों अवैध प्रवासन भी एक मुद्दा रहा।
मानवाधिकारों के नाम पर जिस तरह से कुछ लोग अपने देश मे शरणार्थियों का स्वागत करते है वो भी एक तरह का अपराध है, जिसमें हम उन नागरिकों को तो शरण दे देते है। पर अपने देश के लिए एक खतरा पैदा कर लेते है। हमें अपनी सरकारों पर यह दबाव बनाना चाहिए कि मानवता के नाम पर किसी भी देश को अवैध धर्मशाला बनाने का काम न किया जाएं।
धन्यवाद..
Q1: What is the significance of “Changing the Story of France – From the Perspective of 2023”?
A1: This topic delves into how France’s narrative has evolved over time, specifically examining it from the viewpoint of the year 2023. It explores the historical, cultural, and societal shifts that have reshaped the nation and its identity.
Q2: What kind of changes are highlighted in this perspective?
A2: The perspective emphasizes a range of changes, including historical events, cultural advancements, technological innovations, and societal progress that have collectively contributed to the transformation of France’s story by 2023.
Q3: Why is it important to view France’s story from a specific year like 2023?
A3: Viewing France’s story from a specific year, such as 2023, allows us to capture the most recent developments and understand how they fit into the broader historical context. It provides insights into the country’s current state and the path it has taken to get there.