“रजनीकान्त, एक ऐसे सुपरस्टार हैं जिन्हें उनके फैंस भगवान मानते हैं। रजनीकान्त की फिल्म जर्नी बेहद रोमांचक और प्रेरणादायक रही है। एक बस कंडक्टर से लेकर सुपरस्टार ‘थलाइवा’ बनने तक की उनकी यात्रा हर भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है, खासकर लोअर मिडिल क्लास पृष्ठभूमि से आने वालों के लिए। वह एशिया के दूसरे सबसे अधिक पारिश्रमिक पाने वाले अभिनेता हैं, जिनकी फीस करोड़ों में होती है।
रजनी सर अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा चैरिटी में दान कर देते हैं, जिससे उनकी सामाजिक सेवा की भावना झलकती है। उनकी हर फिल्म उनके प्रशंसकों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होती। रजनीकांत अकेले ऐसे सुपरस्टार हैं जिन्होंने अब तक किसी भी बीड़ी, गुटखा, या अन्य हानिकारक पेय पदार्थों का विज्ञापन करने से इनकार किया है। वह जितने बड़े सुपरस्टार हैं, उतने ही विनम्र और सरल स्वभाव के व्यक्ति भी हैं।”
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इस ब्लॉग में हम रजनी सर के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करेंगे। तो हमारे साथ बने रहें और इस प्रेरक यात्रा का आनंद लें।
रजनीकांत: एक साधारण व्यक्ति से ‘थलाइवा’ बनने की प्रेरक कहानी-
रजनीकांत एक ऐसे अभिनेता है, जिन्होंने फर्श से अर्श का सफर तय किया हैं। वह सफलता की कीमत जानते हैं, वो जितने ऊंचे सुपरस्टार हैं, उतने ही विन्रम हैं। वो लोगों की सोचते है, और उनसे जुड़ के चलते हैं। उनके जो दोस्त उनके स्ट्रंगल के दिनों में उनके साथ थे, वे आज भी उन्हीं के साथ हैं। वो एक ऐसे कलाकार हैं, जो वास्तविक नजर आते हैं, जिनमें कोई बनावट नहीं हैं। एक नजर उनके साधारण व्यक्ति से ‘थलाइवा’ बनने की कहानी पर-
- रजनीकांत का असली नाम और शुरुआती जीवन-
रजनीकांत, जिन्हें दुनिया आज ‘थलाइवा’ के नाम से जानती है, का जीवन सफर साधारण से असाधारण बनने की एक प्रेरक कहानी है। उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। 12 दिसंबर 1950 को कर्नाटक के बैंगलोर शहर में एक मराठी परिवार में जन्मे रजनीकांत का बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा। उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक पुलिस कांस्टेबल थे, और परिवार का आर्थिक स्तर काफी साधारण था। रजनी सर की माता जी का नाम जीजाबाई गायकवाड था।
उनका नाम शिवाजी, छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा गया था। सहयोग से उनकी भी माता जी का नाम ‘जीजाबाई’ था। वो दो भाई और एक बहन में परिवार मे सबसे छोटे थे। इनकी मां बचपन में गुजर गई थीं।
रजनीकांत ने अपने शुरुआती जीवन में कठिन परिश्रम और आत्मसंयम का परिचय दिया। उन्होंने स्कूल के दिनों से ही छोटे-मोटे काम शुरू कर दिए थे, जिससे घर की आर्थिक मदद की जा सके। लेकिन उनके सपनों की उड़ान यहीं नहीं रुकी।
इनकी बचपन की पढ़ाई-लिखाई रामकृष्ण परमंहस की संस्था, स्वामी विवेकानन्द बालसंघ में हुई। इसके अलावा वो खेलों व ड्रामा में भी भाग लेते रहते थे। अपने स्कूल के ड्रामा में इन्होंने महाभारत के पात्र एकलव्य के एक सहयोगी का किरदार भी बड़ी बखूबी निभाया।
- बस कंडक्टर से सिनेमा तक का सफर-
रजनी सर ने फिल्मों में आने से पहले कई छोटे बड़े काम किये हैं। उनकी सबसे बड़ी खूबी यह थीं, वह किसी भी काम को छोटा नहीं समझते थे। अपनी जवानी में रजनीकांत बैंगलोर परिवहन सेवा में बतौर बस कंडक्टर काम करते थे। इस दौरान उनकी अनोखी स्टाइल और बोलने के अंदाज ने उन्हें उनके सहकर्मियों और यात्रियों के बीच लोकप्रिय बना दिया। उनके सपनों ने उन्हें एक्टिंग की ओर खींचा, और उन्होंने मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया।
उनकी इस जर्नी में उनकी मदद उनके बचपन के खास दोस्त ‘राजबहादुर’ ने की। उनकी दी हुई मदद से उन्होंने मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया। यहां से वह डिप्लोमा की डिग्री लेते हैं। ये अपने दोस्तों को आज भी उतनी ही तवज्जों देते हैं, जितनी तब देते थे। उनका कहना है कि उनकी इस प्रतिभा को सबसे पहले उनके दोस्त ने पहचाना था।
आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से इन्होंने कई छोटे-बड़े काम किये, पर यह साइड में वो अपने पैशन को भी फॉलों कर रहे थे। इसी पैशन के कारण एक दिन इन पर नजर तमिल फिल्ममेकर के. बालाचंदर की नजर इन पर पड़ती हैं। वो उन्हें फिल्म भी ऑफर करना चाहते हैं। पर रजनी सर को तमिल नहीं आती होती हैं। वो तो कन्नड़ में ड्रामा करते थे। के. बालाचंदर ने उन्हें तमिल सीखनें की सलाह दी। जिसके बाद वे तमिल सीखने में लग गये। वो जो बना वो इतिहास हैं।
रजनीकांत के फिल्मी सफर की शुरुआत: संघर्ष से सुपरस्टारडम तक का सफर
रजनीकांत का फिल्मी सफर उनकी मेहनत, लगन और अद्वितीय प्रतिभा की कहानी है। एक साधारण बस कंडक्टर से लेकर भारतीय सिनेमा के महानायक बनने का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है।
- मंच से सिनेमा तक का सफर-
रजनीकांत या कहें शिवाजी राव गायकवाड़ है। थिएटर के प्रति उनके आकर्षण ने उन्हें अभिनय की ओर खींचा। बैंगलोर में बस कंडक्टर की नौकरी करते हुए वे खाली समय में स्थानीय नाटकों में अभिनय करते थे। उनका अभिनय और संवाद अदायगी का खास अंदाज लोगों को खूब पसंद आता था।
लेकिन उनका सपना मंच तक सीमित नहीं था। वह बड़े पर्दे पर अपनी जगह बनाना चाहते थे। इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया। यहां उन्होंने अभिनय की बारीकियों को सीखा और खुद को एक कलाकार के रूप में तैयार किया।
- पहला मौका: के. बालाचंदर का आशीर्वाद-
रजनीकांत के जीवन में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब मशहूर निर्देशक के. बालाचंदर ने उन्हें पहली बार देखा। बालाचंदर ने रजनीकांत की प्रतिभा और उनके व्यक्तित्व में कुछ खास पाया। उन्होंने रजनीकांत को अपनी फिल्म ‘अपूर्व रागांगल’ (1975) में एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका के लिए चुना।
इस फिल्म में रजनीकांत ने खलनायक का किरदार निभाया। हालांकि यह भूमिका बहुत बड़ी नहीं थी, लेकिन उनकी स्क्रीन प्रेजेंस और अनोखे अंदाज ने दर्शकों और फिल्म निर्माताओं का ध्यान खींचा। यह फिल्म तमिल सिनेमा में एक नई शुरुआत थी और रजनीकांत के करियर की पहली सीढ़ी बनी।
- प्रेरक सलाह: स्टाइल को बनाएं अपनी पहचान-
बालाचंदर ने रजनीकांत को सलाह दी कि वे अपनी अनोखी शैली और संवाद अदायगी को ही अपनी पहचान बनाएं। यह सलाह उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई। रजनीकांत ने अपनी शैली को और निखारा।
अपनी शरुआती फिल्म सफर में रजनी सर को अपनी डार्क स्किन की वजह से कई सारे रिजक्शन देखने पड़े। मगर उन्होंने इसे भी अपनी खूबी में तब्दील कर लिया। जो प्रोड्यूसर पहले काम के बदले उन्हें पैंसे नहीं देते थे। वह भी अब उनके साथ काम करने के लिए अग्रसर थे।
- फिल्मों में पहचान बनाने का सफर-
अपूर्व रागांगल के बाद रजनीकांत को कई और फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार मिले। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपने अभिनय और स्टाइल से दर्शकों के दिलों में जगह बनानी शुरू कर दी। उनकी दूसरी बड़ी फिल्म ‘मूंडरू मूडिचू’ ने उन्हें तमिल सिनेमा में स्थापित कर दिया।
- स्टारडम की ओर पहला कदम-
कुछ ही वर्षों में रजनीकांत ने खलनायक के किरदारों से नायक की भूमिकाओं की ओर रुख किया। उनकी बहुमुखी प्रतिभा और मेहनत ने उन्हें साउथ सिनेमा का सुपरस्टार बना दिया।
- सीखने का संदेश-
रजनीकांत का यह शुरुआती सफर हमें सिखाता है कि अगर आपके पास जुनून, मेहनत, और सही दिशा में प्रयास करने की चाहत है, तो सपनों को हकीकत में बदलने से कोई नहीं रोक सकता।
यह कहानी न केवल उनके संघर्ष और सफलता की है, बल्कि इस बात का प्रमाण भी है कि सही समय पर सही दिशा में लिया गया निर्णय जीवन को बदल सकता है।
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सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्में: ब्लॉकबस्टर्स की अनगिनत सूची-
रजनीकांत की फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं हैं, बल्कि दर्शकों के लिए एक उत्सव की तरह होती हैं। उनकी हर फिल्म में स्टाइल, एक्शन, और मनोरंजन का ऐसा मिश्रण होता है, जो दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच लाता है। दक्षिण भारतीय सिनेमा से लेकर बॉलीवुड तक, रजनीकांत ने अपनी फिल्मों के जरिए हर वर्ग के दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है।
- रजनीकांत की शुरुआती हिट फिल्में-
रजनीकांत ने अपने करियर की शुरुआत तमिल सिनेमा से की। उनकी पहली बड़ी हिट फिल्म ‘मूंदरू मूडिचू’ थी, जिसने उन्हें नायक के रूप में स्थापित किया। इसके बाद ‘बाशा’, ‘थिल्लू मल्लू’, और ‘मुल्लुम मलरुम’ जैसी फिल्मों ने उन्हें तमिल सिनेमा का सुपरस्टार बना दिया। इन फिल्मों में उनके अभिनय और स्टाइल को दर्शकों ने खूब सराहा।
- बॉलीवुड में कदम-
रजनीकांत ने सिर्फ तमिल सिनेमा तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने बॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई। ‘अंधा कानून’, ‘चालबाज’, और ‘हम’ जैसी फिल्मों ने उन्हें हिंदी सिनेमा के दर्शकों के बीच भी लोकप्रिय बना दिया। उनकी बहुमुखी प्रतिभा और दमदार स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें हर भाषा के दर्शकों का चहेता बनाया।
- ब्लॉकबस्टर फिल्मों की लंबी सूची-
रजनीकांत के करियर में ऐसी कई फिल्में हैं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया। इनमें से कुछ प्रमुख फिल्में हैं:
- ‘थलपति’: दोस्ती और बलिदान की कहानी ने दर्शकों को भावुक कर दिया।
- ‘बाशा’: एक साधारण आदमी के गुप्त अतीत पर आधारित यह फिल्म आज भी तमिल सिनेमा की क्लासिक मानी जाती है।
- ‘शिवाजी: द बॉस’: एक्शन और समाज सुधार का दमदार संयोजन।
- ‘एंथिरन’ (रोबोट): भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फिल्मों में से एक, जिसने तकनीकी मानकों को एक नए स्तर पर पहुंचाया।
- ‘कबाली’ और ‘काला’: इन फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया, बल्कि सामाजिक संदेश भी दिया।
- ‘पेट्टा’ और ‘दरबार’: इन फिल्मों में रजनीकांत का वही पुराना करिश्मा और स्टाइल देखने को मिला।
- हर फिल्म एक त्योहार-
रजनीकांत की फिल्मों की रिलीज़ किसी त्योहार से कम नहीं होती। उनके फैंस सिनेमाघरों के बाहर ड्रम बजाते हैं, ढोल नगाड़ों के साथ नाचते हैं, और पोस्टर्स पर दूध चढ़ाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। उनके चाहने वालों के लिए यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावना है।
रजनीकांत की फिल्मों की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण उनका ‘मास अपील’ है। उनकी कहानियां आम आदमी से जुड़ी होती हैं, जो हर वर्ग के दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। उनके संवाद, एक्शन सीक्वेंस, और स्टाइलिश अदाकारी दर्शकों को सिनेमाघरों में बांध कर रखती है।
रजनीकांत ने साउथ इंडियन सिनेमा को एक नई पहचान दी है। उनकी फिल्मों ने न केवल क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा दिया, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। खासकर जापान में उनका बहुत क्रेज हैं।
रजनीकांत का स्टारडम और सिनेमा की दुनिया में उनका प्रभाव-
रजनीकांत का स्टारडम उनकी सादगी, अनोखी स्टाइल और दमदार अभिनय का नतीजा है। उनके फैंस के लिए वह सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि भगवान की तरह पूजनीय हैं। सिनेमा की दुनिया में रजनीकांत ने ऐसा प्रभाव छोड़ा है कि उनकी हर फिल्म एक त्योहार बन जाती है।
उनकी फिल्मों ने न केवल भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसे पहचान दिलाई। उनके संवाद, एक्शन और स्टाइल ने उन्हें ‘थलाइवा’ का खिताब दिलाया। वह सिनेमा के ऐसे नायक हैं, जिनकी कहानी संघर्ष, मेहनत और सफलता की जीती-जागती मिसाल है।
रजनीकांत का स्टारडम इस बात का सबूत है कि दर्शकों का दिल जीतने के लिए केवल अभिनय ही नहीं, बल्कि विनम्रता और जमीन से जुड़ा व्यक्तित्व भी जरूरी है।
रजनीकांत का व्यक्तिगत जीवन: परिवार और मूल्य-
रजनीकांत का व्यक्तिगत जीवन उनके असाधारण स्टारडम से बिल्कुल अलग है। वह सादगी और पारिवारिक मूल्यों का एक आदर्श उदाहरण हैं। शिवाजी राव गायकवाड़, जिन्हें दुनिया रजनीकांत के नाम से जानती है, ने अपने जीवन में जितनी ऊंचाइयां हासिल की हैं, उतना ही गहराई से वह अपने परिवार और मूल्यों से जुड़े हुए हैं।
- रजनीकांत का परिवार-
रजनीकांत ने 1981 में लता रंगाचारी से शादी की। लता एक शिक्षिका और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने रजनीकांत की सफलता में हमेशा उनका साथ दिया। इनक दो बेटियां हैं, ऐश्वर्या और सौंदर्या। रजनीसर की शादी की दिलचस्प बात ये हैं, कि इन्होंने जिनसे शादी की है, वह कभी रजनीसर का इटरव्यू लेने आयीं थी, और रजनीसर उसी इटरव्यू में उन्हें अपना दिल दे बैठें और उनका विवाह हो गया।
- ऐश्वर्या रजनीकांत: ऐश्वर्या एक फिल्म निर्देशक और लेखिका हैं। उनकी शादी भारतीय अभिनेता धनुष से हुई थी, और वह अपने करियर में साउथ सिनेमा में एक नई पहचान बना रही हैं।
- सौंदर्या रजनीकांत: सौंदर्या एक फिल्म प्रोड्यूसर और ग्राफिक डिजाइनर हैं। उन्होंने अपने पिता की फिल्मों में ग्राफिक तकनीक के इस्तेमाल को नए स्तर पर पहुंचाया है।
- रजनीसर के पारिवारिक मूल्य-
रजनीकांत अपने व्यस्त जीवन के बावजूद अपने परिवार के साथ समय बिताने को प्राथमिकता देते हैं। वह मानते हैं कि परिवार से बढ़कर कुछ नहीं होता। अपनी बेटियों की परवरिश में उन्होंने हमेशा सादगी और नैतिक मूल्यों पर जोर दिया। रजनीकांत का मानना है कि सफलता केवल तभी सार्थक होती है, जब आप अपने परिवार के साथ इसे साझा करें।
रजनीकांत का जीवन जितना ग्लैमरस दिखता है, उनकी असल जिंदगी उतनी ही सादगी से भरी हुई हैं। वह किसी भी भौतिक चीज़ को अहमियत नहीं देते और अपनी जरूरतें बहुत सीमित रखते हैं। उनका मानना है कि जमीन से जुड़े रहना ही जीवन का असली सार है। असल में वह जैसें है वह खुद को वैसा ही दिखाना पंसद करते हैं।
रजनीकांत की दरियादिली: दान और समाज सेवा-
रजनीकांत जितने बड़े सुपरस्टार हैं, उतने ही बड़े दिल के इंसान भी हैं। वह अपनी कमाई का एक बड़ा आधा हिस्सा दान में खर्च करते हैं और हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। उनकी दरियादिली के कई उदाहरण हैं:
- चैरिटी में योगदान: रजनीकांत अपनी फिल्मों से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद के लिए दान कर देते हैं।
- कोविड-19 राहत: महामारी के दौरान उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री के दिहाड़ी मजदूरों और कमजोर वर्गों के लिए आर्थिक मदद दी।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: उन्होंने कई स्कूलों और अस्पतालों को आर्थिक सहायता दी है। उन्होंने अपने गृहनगर बेंगलुरु और चेन्नई में कई सामाजिक परियोजनाओं का समर्थन किया है।
- प्राकृतिक आपदाओं में मदद: तमिलनाडु में आई बाढ़ और सुनामी के दौरान रजनीकांत ने राहत कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रजनीकांत का भविष्य और उनकी आने वाली फिल्में-
रजनीकांत, जिन्हें फैंस प्यार से ‘थलाइवा’ कहते हैं, आज भी भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं। वह अपनी उम्र के 74वें पड़ाव पर पहुंच चुके हैं। लेकिन उनके स्टारडम और अभिनय के प्रति जुनून में कोई कमी नहीं आई है। आने वाले समय में भी रजनीकांत के फैंस को उनकी अनोखी स्टाइल, दमदार संवाद और प्रभावशाली अभिनय देखने को मिलेगा।
रजनीसर ने पिछले साल ही में अपनी फिल्म ‘जेलर’ से बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार वापसी की है। यह फिल्म सुपरहिट रही और उनकी लोकप्रियता को एक बार फिर साबित कर दिया। उनके प्रशंसक उन्हें सिर्फ एक अभिनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक आइकन के रूप में देखते हैं। उनकी लेटेस्ट फिल्म वेट्टैयां हाल में रिलीज की जा चुकी हैं। जिसमें उनके साथ महानायक अमिताभ बच्चन नें भी काम किया हैं। उनकी आने वाली फिल्म कुली हैं, जो कि 2025 में रिलीज होगीं।
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- सिनेमा से आगे की योजना-
रजनीकांत का भविष्य केवल फिल्मों तक सीमित नहीं है। वह सामाजिक और आध्यात्मिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। वह पहले भी राजनीति में कदम रखने की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य केवल समाज की सेवा करना है, न कि किसी राजनीतिक पद की लालसा रखना।
वह रजनी मक्कल मंद्रम पार्टी के नाम से एक पार्टी का गठन कर चुके हैं। पर बाद में उन्होंने इसे भंग कर दिया। उनका कहना था कि वह राजनीति में जनसेवा में चाहत रखते हैं।
निष्कर्ष–
रजनीसर का भविष्य सिनेमा और समाज दोनों के लिए उज्ज्वल है। उनकी आने वाली फिल्में न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाएंगी, बल्कि उनके फैंस के दिलों पर भी राज करेंगी। उनकी कहानी यह साबित करती है कि असली नायक वही है, जो हर उम्र और दौर में दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाए रखे।
जिस प्रकार से चकाचौंध भरी दुनिया में रहकर भी वह खुद को वास्तविक रखते हैं। यह अकल्पनीय हैं। उनका जुड़ाव जनता के साथ अद्धभुत हैं। वह जितने कमाल के अभिनेता है, उतने ही कमाल के इंसान भी हैं। हमारी आज की युवा पीढ़ी उनसे बहुत कुछ सींख सकती हैं। कि किस तरह से अपनों सपनों का पीछा कभी नहीं छोड़ना चाहिए व भगवान पर विश्वास रखना चाहिए। सपने जरुर सच होते हैं, अगर उनमें मेहनत सच्ची व ईमानदार हैं।
रजनीकांत पर लिखा हमारा यह लेख आपको कैसा लगा, हमें कमेंट बाक्स के माध्यम से जरुर बताएं। धन्यवाद..
प्रश्न: रजनीकांत का असली नाम क्या है, और उनका प्रारंभिक जीवन कैसा था?
उत्तर: रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को कर्नाटक के बैंगलोर में एक मराठी परिवार में हुआ। बचपन में उन्होंने आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया। उनके पिता पुलिस कांस्टेबल थे, और उनकी मां का निधन बचपन में ही हो गया।
प्रश्न: रजनीकांत ने अभिनय की शुरुआत कैसे की?
उत्तर: रजनीकांत ने बैंगलोर परिवहन सेवा में बस कंडक्टर की नौकरी करते हुए खाली समय में थिएटर में अभिनय करना शुरू किया। उनकी अनोखी शैली और अभिनय ने लोगों का ध्यान खींचा। इसके बाद उन्होंने मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया, जहाँ से उनकी फिल्मी यात्रा शुरू हुई।
प्रश्न: रजनीकांत की पहली फिल्म कौन सी थी, और उन्हें पहला बड़ा ब्रेक किसने दिया?
उत्तर: रजनीकांत की पहली फिल्म ‘अपूर्व रागांगल’ (1975) थी। उन्हें यह अवसर मशहूर तमिल निर्देशक के. बालाचंदर ने दिया।
प्रश्न: रजनीकांत के फैंस उनके प्रति इतनी श्रद्धा क्यों रखते हैं?
उत्तर: रजनीकांत की सादगी, उनकी अनोखी स्टाइल, और सामाजिक सेवा की भावना ने उन्हें फैंस के दिलों में भगवान की तरह स्थापित किया है। उन्होंने कभी भी बीड़ी, गुटखा या हानिकारक उत्पादों का प्रचार नहीं किया और अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा चैरिटी में दान किया।
प्रश्न: रजनीकांत की कुछ प्रमुख ब्लॉकबस्टर फिल्में कौन सी हैं?
उत्तर: उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘थलपति,’ ‘बाशा,’ ‘शिवाजी: द बॉस,’ ‘एंथिरन’ (रोबोट), ‘कबाली,’ और ‘काला’ शामिल हैं। इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर ऐतिहासिक सफलता हासिल की और दर्शकों को भावनात्मक और मनोरंजन से भरपूर अनुभव दिया।