नूंह (Nuh) हिंसा | नूह (Nuh) दंगे | सांप्रदायिक हिंसा | हिंसा के दौरान मंदिर के अंदर करीब चार हजार लोग फंस गये
“हालही में हरियाणा के मेवात जिला जो कि आधिकारिक रुप से नूंह(Nuh) के नाम से जाना जाता है। वहां पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। जब कुछ लोगों के साथ विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता नूंह (Nuh)के अरावली पहाड़ियों में बसे भगवान शिव के नल्हड़ शिव मंदिर तक शोभा यात्रा निकाल रहे थे। मंदिर में पहले से भक्त मौजूद थे, मंदिर के 600 मीटर की दूरी पर हिंसा भड़क उठी। हिंसा के दौरान मंदिर के अंदर करीब चार हजार लोग फंस गये।
जिनमें कई बहन-बेटियां और बच्चे भी थे। कहा जा रहा है कि हिंसा वही के मुस्लिम समुदाय ने सम्पूर्ण तैयारी के साथ की जो कि नूंह (Nuh)मे बहुमत में है। इससे हमारे देश के खोखलें सेकुलरिज्म की पोल खुल गयी। इस घटना में बजरगं दल कार्यकर्ता मोनू मानेसर का नाम भी सामने आया है।”
नूंह की स्थिति- Nuh’s position
मेवात ज़िला जो कि नूंह (Nuh)जिला के नाम से जाना जाता है हरियाणा राज्य में आता है। आधुनिक मेवात की स्थापना 4 अप्रैल 2005 को फरीदाबाद और गुरुग्राम के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर की गई। नूंह, तावडू, नगीना, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना और हथीन इसके मुख्य खण्ड है। कृषि और डेयरी उघोग प्रमुख है। अरावली पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है।
इसकी दूरी गुरुग्राम से 45 किलोमीटर और दिल्ली से 70 किलोमीटर है। ये दिल्ली-अलवर मार्ग पर स्थित है। इसका क्षेत्रफल 1860 वर्ग किलोमीटर (720 वर्ग मील) है। जो उत्तर में गुरुग्राम, पश्चिम में रेवारी और पूर्व में फरीदाबाद और पलवल से घिरा हुआ है।
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आबादी प्रतिशत और साक्षरता दर-Population Percentage and Literacy Rate
मेवात या नूंह एक मुस्लिम बहुल जिला है। यहां की जनसख्या 10.9 लाख के करीब है। जिसमें से यहां मुस्लिमों की आबादी 80 प्रतिशत तक है। और हिन्दू आबादी करीब 20 प्रतिशत तक है। ये देश मुस्लिम बहुल जिलों में से एक है।
यहां की साक्षरता दर बेहद कम है, खासकर महिलाओं के मामले में। गुरुग्राम से नजदीक होने के बावजूद यह काफी पिछड़ा हुआ है। अभी मेवात की साक्षरता दर 56 प्रतिशत के करीब है। जो कि कोई बहुत अच्छा आंकड़ा नही कहा जा सकता।
नूंह हिंसा का कारण-The reason for Nuh violence-
नूंह में 31 जुलाई को बंजरग दल और विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित नल्लड़ शिव मंदिर तक रथ यात्रा निकाली गयी। इस दौरान बड़ी सख्या यहां बच्चे और महिलाएं भी शमिल थे। यात्रा के दौरान यह अफवाह फैला दी गयी की गौरक्षक मोनू मानेसर भी इस यात्रा में शमिल है। जो कि इसी साल फरवरी में हरियाणा के ही भिवानी में दो मुस्लिम युवकों की हत्या में वांटेड है। उसके द्वारा हाल ही मे एक वीडियो जारी कर कहा गया कि वह भी इस यात्रा में शमिल होगा। जिससे वहां की मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा आक्रोशित हो गई।
वायरल वीडियो में मोनू मानेसर कह रहा है कि वह इस ब्रिज मंडल यात्रा में शमिल होगा और वह अन्य साथियों से भी इसमें उपस्थित होने की अपील कर रहा है। इस वीडियो के ऑनलाइन वायरल होते ही यह विवाद काफी गर्मा गया।
लोगों और पुलिस पर हमला-Attack on people and police
हिंसा के पश्चात यह खबर आयी कि मेवात के नलखेड़ा शिव मंदिर में करीब 2500 लोग दर्शन करने के लिए गए थे, जो कि वही फंस गये है। क्योकि वहां पर दूसरे समुदाय के लोगों के द्वारा मंदिर को निशाना बनाते हुए अरावली पहाड़ी से पत्थरबाजी और फायरिंग की जा रही थी, और भड़काऊ नारे भी लगाये जा रहे थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस थाने में भी तोड़फोड़ की गयी और गुरुग्राम से 50 किलोमीटर दूर एडवर्ट पर मौजूद पुलिस चौकी को भी आग लगा दी गयी थी। इस हिंसा में अब तक करीब 7 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें दो होमगार्ड भी शमिल है। 7 मे सें एक मौत गुरुग्राम मे हुई है। इस घटना में अबतक 200 से अधिक लोग घायल भी हुए है।
इस घटना मे डीसीपी सज्जन दलाल को भी सिर में दंगाइयों द्वारा गोली मारी गई है। इसके अलावा इंस्पेक्टर अनिल कुमार के पेट में भी गोली लगी है। पुलिस के द्वारा 20 लोगों को हिरासत में रखा गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार यात्रा में भड़काऊ नारे लग रहे थे। और पहले उनके द्वारा राहगीरों पर हमला किया गया। और इसके जवाब मे मुस्लिम कटृरपंथियों ने भी जवाबी हमला किया। जिससे की मामला बहुत आगें बढ़ गया।
मोनू मानेसर कौन है-Who is Monu Manesar?
मोनू हरियाणा के गुरुग्राम के पास मानेसर नाम की जगह पर रहता है। जो कि अपना गौ रक्षा दल चलाता है। इसने कई बार बड़े पैमाने पर गौ तस्करों से गायो को छुडवाया है और तस्करों को पुलिस के हवाले किया है। यह लव जिहाद और लैंड जिहाद पर खुलकर अपनी बात रखता है। इस पर इसी साल फरवरी माह मे दो मुस्लिम युवकों को मारने का आरोप है।
सरकार का अबतक का एक्शन-Government’s action so far
शुरुआत में इस मामले पर सरकार ने ढ़ीला रवैया अपनाया। इस पूरे घटनाक्रम मे एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के लोगों को लगभग 5 घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने आजाद कराया। बाद मे सरकार ने इंटरनेट पर भी रोक लगाई। जिससे की हरियाणा के दूसरे जिलों मे हिंसा न फैलें।
हरियाणा सरकार ने मेवात में बड़े पैमानें पर उन दगाइयों के बुलड़ोजर से मकान भी गिरायें है जो इस घटनाक्रम में शमिल थे।
वनसाइडेड़ कवरेंज-one sided coverage
कुछ न्यूज चैनलस ने इसमें वनसाइडेड़ कवरेंज की है। खासकर कुछ लिबरल टीवी चैनलस ने, इनके अनुसार नूंह में यात्रा निकाल रहें लोगों ने हिंसा की शुरुआत की, जबकि वहां वे सिर्फ दर्शन करनें गये थे। हरजगह टीवी चैनलस ने सिर्फ भगवा रंग को टारगेट किया। उनके अनुसार यात्रा की वजह से हिंसा हुई। जबकि साफ जाहिर कि हिंसा दूसरे पक्ष ने शुरु की। किसी भी अफवाह के चलतें या किसी एक व्यक्ति के दोषी होने के वजह से पूरी भीड़ को टारगेट करना क्या सही है।
हरियाणा के डिप्टी सीएम साहब दुष्यत चौटाला का कहना कि यात्रा की परमीशन लेनी चाहिए थी? काहे की परमीशन भैया अब हिन्दू अपने ही देश में एक मुस्लिम बहुल आबादी से मंदिर तक यात्रा निकालने के लिए परमीशन ले। वाह क्या बात है। ऐसे तो पूरे देश में हिन्दूओं से परमीशन लेनी चाहिए। क्योकि वो देश मे बहुमत में है।
हरबार की तरह इस बार भी इस केस मे हिन्दूओं को डाउनग्रेड़ करने की कोशिश की गई। जो कि सही नही है।
मेवात के पुराने रंग-old colors of mewat
सभी चैंनलस यह दिखाने की कोशिश कर रहे है कि मेवात पूरे तरह से शांत और खुशहाल है। अच्छी बात है कि कोई भी क्षेत्र खुशहाल रहे।
पर मेवात के ओर भी रंग है..
- इसी साल अप्रैल-मई के बीच पुलिस ने छापा मारा नूंह के क्षेत्र में जिसमें 1347 साइबर अपराध जो कि पूरे नूंह में हुए थे। 28000 हजार लोगों के साथ फ्रांड हो चुका था। यह फ्रांड लगभग 100 करोड़ के करीब था।
- इसी हिंसा में कुछ लोगों की भीड़ ने इसी साइबर अपराध से जुड़ी शाखा पुलिस स्टेशन पर भी अटैंक किया, माना जा रहा कि वह सबूत मिटानें के इरादें से आये थे।
- हरियाणा के रिटायर्ड जज पवन कुमार जी ने बहुत सिफारिश पर एक टीम का गठन किया। क्योकि मेवात में दलितों की बहुत शिकायत आ रही थी। तो यह जानना था कि आखिर मेवात में चल क्या रहा है, क्यो दलितों की इतनी शिकायत आ रही है। उन्होने उस टीम में दो दलित तथा दो अलग कैटगरी के लोगों को शमिल किया और जांच शुरु की।
उनके अनुसार जांच के बाद पाया गया कि मेवात मे दलितों पर औरंगजेब टाइप के जुल्म किये जाते है। इसमें कुछ केंसज प्रमुख है-
- जॉब ऑफर के नाम पर फिरोजपुर नामक जगह से एक दलित लड़की को उठाया जाता है और फिर कुछ दिनों तक 9 युवकों सहित जिसमें सें एक यूसुफ भी था गैगरेंप करते है। बाद में एफआईआऱ करी जाती है, पर पोलिस कोई एक्शन नही लेती। उस लड़की बाद में अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, और फिर उसकों मार दिया जाता है। पुलिस बाद में उसे आत्महत्या बता देती है।
- 8 फरवरी 2020 को साजिद नाम के एक बन्दे ने मेवाली गांव से एक लड़की को उठाता है और आजतक नहीं पता की लड़की कहा है।
- चार आदमियों के द्वारा एक नाबालिग दलित लड़की को नूंह गांव से अगवा करके गैगरेंप किया जाता है और ये पूरा मामला मुस्लिम पुलिसमैनं के घर पर होता है। 7 जुलाई 2019 को केस दर्ज होता है, पर कोई एक्शन नही लिया जाता।
- सन् 2018 मे एनआईए ने हाफिज सईद के आतंकवादी ग्रुप से जुड़े तीन आंतकवादियों को यहां से पकड़ा था।
- 2018 में पलवल एक मस्जिद बन रही थी जिसकी फंड़िग पाकिस्तान से हो रही थी।
कुछ केस तो दर्ज भी नही हो पाते ये सब केस दर्ज किये गये है। यहां यह देखना लाजिमी है क्या होता है जब एक वर्ग विशेष बहुमत में होता है, तो वह दूसरे समुदाय के कम लोगों को दबाने का या खुद के समुदाय मे कन्वर्ट होने का प्रयास करते है। और जहां कम होते है वहां झूठे सेक्लूरिज्म का प्रचार करते है। और हमारे देश के राजनीतिज्ञ भी इस तरह के झूठे सेकुलरिज्म का प्रचार करते नहीं थकतें।
इस लेख के विषय में हमें जरुर बताएं, और हमें यह भी बताएं क्या इस तरह के सेकुलरिज्म से देश में शांति स्थापित रहेंगी। इस तरह एक धर्म का तुष्टिकरण कर के हम अपने देश को कहा ले जाना चाहते है। जय हिन्द, वन्दें मातरम्..
धन्यवाद….