“आजकल सीएए (CAA) कानून को लेकर फिर से माहौल बन रहा है। जब से केन्द्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने पश्चिम बंगाल के 24 परगना में एक सभा में यह कहा कि सात दिनों में सीएए कानून को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। अभी पिछले साल दिसंबर में सीएए को लेकर गृहमंत्री अमित शाह का बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता।
इसी पर केन्द्रीय मंत्री ठाकुर का भी बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि, वे गारंटी दे सकते है कि अगले सात दिनों में सीएए पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। सीएए या एनआरसी विरोध, नागरिकता (संशोधन) बिल विरोध या सीएबी और एनआरसी विरोध के रुप में भी जाना जाता है। सीएए कानून भारत की संसद में 12 दिंसबर 2019 को पारित किया गया था।”
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क्या है सीएए कानून- What is CAA law
नागरिका (संशोधन) अधिनियम,2019 भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है। जिसके द्वारा सन् 1955 के नागरिकता कानून को संशोधित करके यह व्यवस्था की गयी कि जो भी व्यक्ति 31 दिसंबर 2014 के पहले इन तीन देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और इन छह धर्मों से संम्बधिंत है- हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई, उन्हे भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकेगी। नागरिकता अधिनियम-1955 के तहत भारत में रहने के लिए 11 वर्ष रहना जरुरी था। पर इसमें संशोधन से इन तीन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले नागरिकों के लिए ये अवधि 5 वर्ष कर दी गई।
नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा में 10 दिसंबर 2019 को तथा राज्यसभा ने 11 दिसंबर 2019 को पारित कर दिया था। 12 दिसंबर को भारत के राष्ट्रपति ने इसे अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी और यह विधेयक एक अधिनियम बन गया। 10 जनवरी 2020 से यह अधिनियम प्रभावी भी हो गया है। इसके मुख्य तथ्य इस प्रकार है-
- नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म वाले लोगों को नागरिकता दी जाएगी।
- नए विधयेक के अंतर्गत यह प्रावधान है कि पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक यदि 5 साल से भारत में रह रहे हैं, तो वे अब भारत की नागारिकता प्राप्त कर सकते है। पहले भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए 11 साल तक भारत में रहना अनिवार्य था।
- जो प्रवासी 31 दिसंबर 2014 से अवैध रुप से रह रहे है वो भी इस कानून के तहत आवेदन कर सकते है।
इसकी पृष्ठभूमि- Its background
- नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में 2016 में पेश किया गया था।
- जिसके बाद इसे एक सयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट बाद में 7 जनवरी, 2019 को प्रस्तुत की गई थीं।
- नागरिकता संशोधन विधेयक 8 जनवरी, 2019 को लोकसभा द्वारा पारित किया गया, जो 16वीं लोकसभा के विघटन के साथ समाप्त हो गया।
- इस विधेयक को 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा फिर से पेश किया गया।
- बाद में 10 दिसंबर 2019 विधेयक लोकसभा से पास हो गया। राज्यसभा ने भी इसे 11 दिसंबर को पास कर दिया।
नागरिकता क्या है- What is citizenship?
- नागरिकता राष्ट्रीयता शब्द का दूसरा नाम है। नागरिकता को किसी व्यक्ति और उस देश के बीच संबध के रुप में परिभाषित किया जाता है जिसके प्रति वह निष्ठा रखता है।
- नागरिकता कुछ अधिकारों, सुरक्षा और विशेषाधिकारों के साथ आती है। नागरिकता आपको स्वंतत्र होने का एहसास देती है लेकिन जिम्मेदारियों के साथ।
- किसी देश या राज्य की नागरिकता प्राप्त करने के लिए एक प्रक्रिया का पालन करना और कुछ शर्तों को पूरा करना आवश्यक है।
- नागरिकता में वैश्विक नागरिकता, दोहरी नागरिकता, मानद नागरिकता, स्थानिक नागरिकता जैसे वर्गीकरण होते है।
भारत में नागरिकता- Citizenship in India
- भारत का संविधान पूरे भारत के लिए एकल नागरिकता का प्रावधान करता है।
- संविधान के भाग-2, अनुच्छेद 5-11, नागरिकता से संबधित है। हालांकि इसमें संबंध में न तो कोई स्थायी और न ही कोई विस्तृत प्रावधान है।
- यह केवल उन व्यक्तियों जो इसके प्रारंभ में यानी 26 जनवरी, 1950 को भारत के नागरिक बन गए थे।
- यह संसद को ऐसे मामलों और नागरिकता से संबंधित किसी भी अन्य मामले के लिए कानून बनाने का अधिकार देता है। तदनुसार संसद ने नागरिकता अधिनियम वर्ष 1955 अधिनियमित किया है, जिसमें समय-समय पर संशोधन किया गया है।
- नागरिकता अधिनियम में अब तक कुल 6 बार संशोधन किए गए है। यह संशोधन 1986, 1992, 2003, 2015, 2019 में किए गए थे।
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भारत में नागरिकता कैसे मिलती है- How to get citizenship in India
- जन्म के आधार पर-
भारतीय नागरिता जन्म के आधार पर निम्न तरीकों से मिल सकती है-
- ऐसे कोई भी व्यक्ति जिसका जन्म भारत में 26 जनवरी 1950 को या इसके बाद हुआ है या 1 जुलाई 1987 के पहले जन्म हआ है। वह सभी नागरिक भारतीय नागरिक कहलाये जायेंगे।
- 1 जुलाई 1987 के बाद भारत में पैदा होने वाला कोई व्यक्ति खुद भारतीय नागरिक हो जाएगा। और उसके माता-पिता में से कोई एक भारतीय हो।
- 7 जनवरी 2004 के बाद भारत में जन्म लेने वाला व्यक्त भारतीय नागरिक कहलायेगा यदि उसके माता-पिता दोनों भारत के नागरिक हो या फिर उसके अभिभावक में से कोई एक भारतीय व दूसरा विदेशी हो।
- वंश के आधार पर-
- यदि किसी व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी 1950 के बाद मगर 10 दिसंबर 1992 से पहले भारत के बाहर हुआ है लेकिन उसके जन्म के समय उसके पिता भारतीय नागरिक है। तो उसे नागरिकता मिल जाएगी।
- 10 दिसंबर 1992 को या बाद में भारत में पैदा हुआ कोई व्यक्ति तभी भारतीय नागरिक होगा यदि उसके माता या पिता में से कोई एक भारतीय हो।
- 3 दिसंबर 2004 में के बाद भारत के बाहर पैदा व्यक्ति तब तक भारतीय नहीं होगा जब तक उसके जन्म के एक साल की अवधि के भीतर उसके जन्म का रजिस्टर संबधित देश के भारतीय वाणिज्य दूतावास में रजिस्टर कराना होगा।
- पंजीकरण के द्वारा नागरिकता-
नागरिकता अधिनियम-1955 की धारा-5 के तहत गैर कानूनी अप्रवासी न होने की स्थिति में भारत के नागरिक के रुप में वह स्वयं को पंजीकृत करने के लिए आवेदन कर सकते है।
- ऐसे व्यक्त जो पंजीकरण के लिए आवेदन से पूर्व 7 साल से भारत में निवास कर रहे हो।
- ऐसे व्यक्ति जिन्होंने किसी भारतीय नागरिक से शादी की है और पंजीकरण से पूर्व 7 साल भारत में निवास किया हो।
- कोई ऐसा व्यक्ति जो भारतीय मूल का हो और अविभाजित भारत में किसी अन्य देश का नॉमर्ल सिटीजन हो।
- देशीयकरण के द्वारा नागरिकता-
- जो विदेशी व्यक्ति जिन्होंने भारतीय नागरिकता में आवेदन से पूर्व 12 साल भारत में निवास किया हो। वह देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकते है।
- इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण कुछ सालो पहले भारतीय नागरिकता पाये ‘अदनान सामी’ है।
- भूभाग द्वारा नागरिकता-
- भारत अगर कोई भूमि अपनी वापस लेता है या कोई भूभाग भारत के साथ स्वतः जुड़ता है। तो वहां के निवासी भारत के भूभाग का हिस्सा हो जायेगे।
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सीएए का इतना विरोध क्यो हो रहा है-Why is there so much opposition to CAA?
पूर्वोत्तर का विरोध-
- सबसे पहले इस कानून का विरोध पूर्वोत्तर राज्यों में शुरु हुआ। असम में लोग इस कानून से सबसे ज्यादा गुस्से में है।
- असम में लोग इस कानून का विरोध कई वजहों से कर रहे हैं। इस कानून में तीन पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, पाकिस्तान व अफगानिस्तान से हिंदू सहित छह धर्मों के उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे।
- बांग्लादेश से बड़ी सख्या में हिंदू असम में घुसपैठ करते रहे है। इसकी संख्या लाखों में है। नागरिकता संशोधन कानून बन जाने के बाद ये लोग भारत के नागरिक बन जाएंगे।
- असम के लोग नहीं चाहते कि बांग्लादेश से आए हिंदू भारत के नागरिक बने। उनका मानना है कि इससे असम की अस्मिता खतरे में पड़ जाएगी। इससे उन्हे असमी भाषा के भी विलुप्त हो जाने का डर सता रहा है। इसकी वजह यह है कि बांग्लादेश से आये हिंदू शरणार्थी बांग्ला बोलते है। जिससे वहां बांग्ला भाषा बोलने वाले बढ़ जाएगें और असमी भाषा विलुप्त हो जाएगीं।
- पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में इनर लाइन परमिट लागू हैं, वहां यह कानून लागू नहीं होगा। असम के लोगों खासकर उत्तरी असम के लोगों को डर है कि पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में इस तरह के परमिट के कारण वे लोग असम में घुसपैंठ करेंगें।
- पूर्वोत्तर के मूल निवासी यानी वहां बसे आदिवासी लोग सीएए के विरोध में हैं। इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा शामिल है।
असम में क्या फर्क पड़ेगा- What difference will it make in Assam?
असम में अवैध रुप से कई बांग्लादेश के हिंदू और मुस्लिमों ने घुसपैंठ कर रखीं हैं। यह समस्या 1971 से हैं, जब बांग्लादेश में पाक फौंज द्वारा फैलायें कत्लेआम के कारण कई बांग्लादेशीं हिंदू बार्डर पार करके भारत आ गये थें।
मुस्लिमों का डर-
- दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, लखनऊ, प्रयागराज आदि जगहों पर इस कानून को लेकर कई विरोध हुए थे।
- भड़काने वालों ने इस कानून को मुस्लिमों के खिलाफ इसे बताया। लोगों में यह डर फैलाया गया कि इससे भारतीय मुस्लिमों की नागरिकता खतरे में पड़ जाएगी।
- कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल भी इसके खिलाफ थे इससे कानून के विरोध को ओर हवा मिली। इस बिल में देश मे रह रहे मुस्लिमों के खिलाफ कुछ नहीं है। इस कानून से उनका कोई संबंध नहीं है। लेकिन कुछ लोगों के भड़काने की वजह से और कुछ के अपने डर की वजह से मुस्लिमों में यह डर का माहौल बनाया गया।
- विपक्ष का कहना है कि इस कानून के जरिए खासतौर पर एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। उसके अनुसार यह अनुच्छेद-14 का हनन है। अनुच्छेद-14 समानता के अधिकार देता हैं।
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अभी तक लागू क्यो नहीं हुआ-
सीएए को लेकर साल 2020 से लगातार एक्सटेंशन लिया जा रहा है। दरअसल, संसदीय प्रक्रियाओं की नियमावली के मुताबिक किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति के 6 महीने के अंन्दर तैयार होने चाहिए। ऐसा ना करने की स्थिति में लोकसभा व राज्यसभा में अधीनस्थ विधान समितियों से विस्तार की मांग की जाती हैं।
किनकों क्या अधिकार मिलें- Who should get what rights?
- पिछले दो साल में 9 राज्यों के 30 से ज्यादा जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को बड़े अधिकार दिए गए है। डीएम को तीन देशों से आए, छः धर्मों के लोगों को नागरिकता देने की शक्ति दी गई।
- 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक गैर- मुस्लिम के कुल 1,414 विदेशियों को नागरिकता प्रदान की गई।
- जिन 9 राज्यों में नागरिकता दी गई है। वे राज्य गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र है।
आवेदन की प्रक्रिया क्या है- What is the application process
- सीएए कानून जितना उन तीन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए जरुरी है, उतना ही भारत के लिए भी। मतलब यह है कि सरकार किसी भी कानून को तैयार करके सहीं तरीके से सही जानकारी जनता तक पहुंचाये।
- जनता के बीच किसी भी प्रकार का भ्रम न रहे। इससे देश को तोड़ने वाली शक्तियों को देश में भ्रम फैलानें का मौका मिल जाता है।
- हमे ऐसी शक्तियों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। साथ ही हमें पूर्वोत्तर की चिंताओं का भी ध्यान रखने की जरुरत है।
- जिससे की पूर्वोत्तर की भाषा व वहां का कल्चर भी बचा रहे। और बांग्ला हिंदूओं को हम शरण भी दे पाये।
- हमारा देश ऐसे पड़ोसियों से घिरा हुआ है। जो कट्टर इस्लाम की विचारधारा से बने है। ये सिर्फ खुद के लिए ही नहीं बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ा खतरा है।
- इन देशों ने अपने देश में अल्पसंख्यकों को खत्म कर दिया है। यहां के अल्पसंख्यक अपनी जान बचाने के लिए भारत की शरण में है, जो सालो से इन देशों में प्रतांड़ना झेल रहे है। अब उन्हे भारत से आशा है कि भारत उन्हे शरण देगा।
धन्यवाद…
पहला प्रश्न: सीएए कानून क्या है और यह किसे प्रभावित करेगा?
उत्तर: सीएए कानून भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 है, जिसके तहत भारत में आने वाले व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, खासकर पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से आने वालों के लिए.
दूसरा प्रश्न: नागरिकता का प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से माध्यम हैं?
उत्तर: नागरिकता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति जन्म, वंश, पंजीकरण, या देशीयकरण के रास्ते से भारतीय नागरिक बन सकते हैं.
तीसरा प्रश्न: सीएए कानून कब लागू होगा और क्या इसमें कोई बदलाव हुआ है?
उत्तर: सीएए कानून लागू हो गया है और इसमें पिछले नागरिकता कानून की तुलना में कुछ बदलाव किए गए हैं, जो नागरिकता प्राप्त करने की शर्तों में सुधार करते हैं.
चौथा प्रश्न: नागरिकता को लेकर केन्द्रीय मंत्री का क्या कहना है?
उत्तर: केन्द्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने बताया है कि सीएए कानून को सात दिनों में पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा.
पाँचवा प्रश्न: नागरिकता के लिए कौन-कौन से अन्य माध्यम हैं?
उत्तर: नागरिकता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति देशीयकरण, पंजीकरण, और भूभाग के द्वारा भी नागरिक बन सकते हैं.